आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देख नाग मुनि मोहे ॥ अर्थ- आपकी जटाओं से ही गंगा बहती है, आपके गले में मुंडमाल है। बाघ की https://damienzftic.yomoblog.com/36037861/the-definitive-guide-to-lyrics-shiv-chalisa