लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।’ सुगम अनुग्रह तुह्मरे तेते ॥२०॥ राम दुआरे तुम रखवारे । जम कुबेर दिकपाल जहां ते। कवि कोबिद कहि सके कहां ते॥ कुमति निवार सुमति के सङ्गी ॥३॥ कञ्चन बरन बिराज सुबेसा । O the Son of Wind, You are classified as the https://directoryhand.com/listings13215598/not-known-facts-about-hanuman-chalisa